Dedicating these thoughts to everyone everywhere in India and the whole world who stands up and fights for truth and justice…..
कितने मुँह तुम बंद करोगे ?
कितनों को तुम रोकोगे ?
सत्य की इस आवाज़ पर अब तुम-
– कितनी मिट्टी डालोगे ?
राम-कृष्ण के भारत में….
अधर्म का राज्य नहीं होगा !
हम सबकी पावन धरती पर….
भ्रष्टाचार का साम्राज्य नहीं होगा !
खाली हाथ हम आये थे,
और खाली हाथ ही जायेंगे !
पर लगता है जब तुम जाओगे-
ये सारी कमाई…ऊपर रख ले जाओगे!
पलंग सोने के नहीं चाहिये…
प्यारी हमें चारपाई है !
देश की मिट्टी नहीं बेचनी…
दाल-रोटी हमें भाई है !
वर्षों से चुप इस जनता से-
अब और सहा नहीं जाता !
लुटती जननी को देख के-
अब चैन से रहा नहीं जाता !
बेबस हो, शांति के पुजारी ने…
सड़कों की राह आज पकड़ी है !
क्या करेंगे धरतीपुत्र और जब….
माँ बेड़ियों में जकड़ी है !
हम सबकी प्यारी इस मातृभूमि को-
अब तुम उजाड़ना बंद करो !
अपनी जननी के कोमल हृदय पर-
अन्याय के आघात अब बंद करो !
शहीदों के बलिदानों का….
सम्मान तो अब करना होगा !
असत्य के रास्ते को तजकर…
सत्य की डगर चलना होगा !
मणि
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