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Posts Tagged ‘बारिश’


कहीं खिलखिलाती हँसी की फुहार
कहीं बह रही अविरल अश्रुधार
लगता तो है, बारिशों का मौसम आ गया

कहीं फूलों को निखारती बूँदें
कहीं जलमग्न वो प्यारे घरौंदे
लगता तो है, बारिशों का मौसम आ गया

कहीं मयूरी को रिझाने थिरके मयूर
कहीं विरह-वेदना बहती सुदूर
लगता तो है, बारिशों का मौसम आ गया

कहीं बिखरी इन्द्रधनुष की छटा
कहीं काले घने बादलों की घटा
लगता तो है, बारिशों का मौसम आ गया

सुख-दुख, दुख-सुख की बहती रहेगी बयार
गाती ये सावन की फुहार
मणि

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